नई दिल्ली, 5 दिसंबर 2025 — रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं एयरपोर्ट जाकर उनका स्वागत किया। यह दौरा 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। summit के दौरान परमाणु ऊर्जा, व्यापार, निवेश और यूक्रेन युद्ध जैसे वैश्विक मुद्दों पर वन-टू-वन बातचीत के साथ-साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की चर्चाएं भी होंगी।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान भी चर्चा में है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पुतिन के भारत दौरे को लेकर कहा, “मैं अभी अमेरिकी ज़हर से निपटने की कोशिश कर रहा हूं।” हालांकि, उनके इस बयान का सटीक अर्थ स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल जरूर मच गई है।
पुतिन ने मोदी की नेतृत्व क्षमता की सराहना की
दौरे से पहले व्लादिमीर पुतिन ने एक टीवी इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी को मजबूत नेतृत्व वाला नेता बताया। उन्होंने कहा कि “वे उन नेताओं में से नहीं जो बाहरी दबाव में आ जाएं।” पुतिन ने आगे कहा कि भारत और रूस के बीच 90% से अधिक द्विपक्षीय व्यापारिक समझौते सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं, जो दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक रिश्तों को दर्शाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि “भारत ने हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी सशक्त स्थिति प्रदर्शित की है और दुनिया भारत के नेतृत्व की सराहना करती है।”
द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की तैयारी
पुतिन ने भारत को एक ‘विश्वसनीय साझेदार’ बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग का दायरा अत्यंत व्यापक है — रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान और शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग तेजी से बढ़ रहा है।
भारत दौरे से पहले पुतिन ने मोदी को अपना मित्र बताते हुए कहा कि “हमारी यह बैठक रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ बनाने का अवसर है।” विशेषज्ञों के मुताबिक, इस सम्मेलन से ऊर्जा सुरक्षा, निवेश प्रवाह और रक्षा क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलने की उम्मीद है।